बाटला हाउस मुठभेड़ के आरोपी की मौत की सजा को दिल्ली हाईकोर्ट ने उम्रकैद में बदला

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2008 के बाटला हाउस मुठभेड़ मामले में आरिज खान की सजा को बरकरार रखते हुए गुरुवार को निचली अदालत से मिली मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया। अदालत ने 18 अगस्त को उस मामले में आरिज खान को मौत की सजा की पुष्टि पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसमें जामिया नगर में इंडियन मुजाहिदीन के दो संदिग्ध आतंकवादियों और प्रतिष्ठित इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की हत्या कर दी गई थी।

न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति अमित शर्मा की पीठ ने आरिज को राहत देते हुए उसकी मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया। विस्तृत आदेश की प्रति की प्रतीक्षा है। उच्च न्यायालय को पहले आरिज खान को दी गई मौत की सजा की पुष्टि के लिए एक संदर्भ प्राप्त हुआ था। दरअसल, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सिलसिलेवार विस्फोटों में 35 से अधिक लोग मारे गए और 150 से अधिक घायल हो गए थे।

कुछ दिनों बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 19 सितंबर 2008 को जामिया नगर के बाटला हाउस में एक मुठभेड़ को अंजाम दिया था। मोहन शर्मा ने धमाकों के लिए जिम्मेदार आतंकियों की तलाश में छापेमारी की थी। आरिज खान को 8 मार्च 2021 को मोहन शर्मा की हत्या समेत अन्य अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया था और 15 मार्च, 2021 को मौत की सजा सुनाई गई थी। जबकि, एक अन्य दोषी शहजाद अहमद को मामले में आजीवन कारावास की सजा दी गई थी।