भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलरेंस की नीति अपनाते हुए समर्पित होकर करें दायित्व निर्वहन : डॉ. समित शर्मा

जयपुर। पदभार संभालने के बाद अपनी पहली समीक्षा बैठक में शासन सचिव जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी डॉ. समित शर्मा ने पीएचईडी अधिकारियों को पारदर्शिता के साथ काम करते हुए नवाचार अपनाने एवं आमजन तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने के विभाग के उद्देश्य के प्रति समर्पित भाव से कार्य करने का संदेश दिया।

उन्होने बैठक मे निम्न निर्देश दिये-

जल वितरण व्यवस्था

·        राजस्थान के 7 करोड आमजन को स्वच्छ, गुणवत्तापूर्ण व नियमित रूप से पेयजल उपलब्ध कराना बहुत ही महत्वपुर्ण कार्य है और इस पुण्य रूपी कार्य को किए जाने का जो अवसर मिला है, इसे बहुत ही प्रतिबद्धता और समर्पण भाव से किया जाना चाहिए।

·        राजस्थान के जल उपभोक्ताओं को नियमित रूप से और समय पर पानी का वितरण बहुत ही आवश्यक है इसके लिए प्रत्येक शहर और कस्बे में समय सारणी तैयार कर उसे वेबसाइट पर डिस्प्ले करने और तदानुसार निश्चित समय पर पानी वितरण की व्यवस्था करने के निर्देश दिए।

·        लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए विभाग द्वारा वितरित किए जाने वाले जल की गुणवत्ता तय मानको के अनुरूप सुनिश्चित की जाए और विभाग की वाटर क्वालिटी कंट्रोल लैब में नियमित रूप से सैंपलिंग की जाए।

·        जल वितरण पाइपलाइनो में ट्रांसमिशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन लॉसेस से होने वाली छीजत और चोरी को रोकने के लिए आवश्यक कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए।

·        जल की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए शहरों व ग्रामों में निकटतम स्थानीय स्त्र्रोतों जैसे तालाब आदि का उपयोग करने एवं नए स्त्र्रोत विकसित करने के लिए निर्देश दिए।

जल जीवन मिशन

·        डॉ. शर्मा ने कहा कि जल जीवन मिशन में राजस्थान को अग्रणी राज्यों में लाने के लिए प्राथमिकता के साथ कार्य किया जाए। आगामी एक वर्ष में इसे प्रथम दस राज्यों की सूची मे लाना है।

·        मुख्यमंत्री महोदय की मंशानुरूप भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टोलरेंस को प्रभावी रूप से लागू किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि भ्रष्टाचार किसी भी रूप में स्वीकार नहीं होगा।

नवीन जल कनेक्शन

·        नए कनेक्शन आवेदन के बाद निर्धारित 7 दिवस के अंदर कनेक्शन दिया जाए।

·        नई पाइपलाइन डाले जाने एवं घरेलू वॉटर कनेक्शन के लिए रोड कटिंग किए जाने पर उसे रिपेयर कर वापस पहले जैसी स्थिति में लाया जाए जिससे किसी दुर्घटना की संभावना से बचा जा सके। इसमें नीतिगत निर्णय लेते हुए रोड रिपेयर का कार्य स्थानीय निकाय या पीडब्ल्यूडी के माध्यम से करने की बजाय स्वयं पी.एच.ई.डी. विभाग द्वारा ही करवाया जाने पर विचार किया जाए।

आईटी का उपयोग

·        इस हेतु विभाग द्वारा आईटी का उपयोग करने, इस संबंध में विश्वभर में उपयोग में ली जा रही Best Practices का विभाग की योजनाओं व कार्यक्रमों में शामिल किए जाने पर ज़ोर दिया तथा विभाग द्वारा विकसित किया गया आईटी मॉड्यूल राजनीर के माध्यम से दिये जा रहे नए जल कनैक्शन जो की वर्तमान में जयपुर शहर में संचालित है, को राज्य स्तर पर लागू किया जाये।

·        समस्त फाइलों को स्कैन कर ई-फाइल के रूप में चलाने के निर्देश दिए जिससे कि राजकार्य में पारदर्शिता बनी रहे और कार्य में गति आए।

क्वालिटी कंट्रोल

·        शासन सचिव, पीएचईडी ने गुणवत्ता नियंत्रण विंग को विभाग की महत्वपूर्ण विंग बताया और कहा कि यह सुनिश्चित करना क्वालिटी कंट्रोल विंग की जिम्मेदारी है कि परियोजना पर कार्यरत फर्मों ने तय मानकों के अनुरूप मैटेरियल काम में लिया जाएँ।

·        उन्होंने पेयजल से जुड़ी योजनाओं में उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करने एवं परियोजनाओं की सघन मॉनिटरिंग तथा निरीक्षण पर जोर दिया।

मानव संसाधन

·        फील्ड अभियंताओं की ’की-परर्फाेर्मेंस इंडीकेटर्स’ के आधार पर मासिक रेंकिंग व ग्रेडिंग की जाएगी जिससे प्रोजेक्ट्स मे गति लाई जा सके तथा अच्छे कार्य करने वाले अधिकारियों को प्रोत्साहन मिल सके।

·        समस्त मानव संसाधन जिसमें चीफ इंजीनियर, अतिरिक्त चीफ इंजीनियर, अधीक्षण अभियंता, अधिशासी अभियंता से लेकर वॉल्वमैन तक पूर्ण मानव संसाधन की सूचना को भी ऑनलाइन करने के निर्देश दिए।

·        जल भवन को विकसित किए जाने  और 31 मार्च तक अनुपयोगी सामान का निस्तारण, रिपेयर, वाइटवॉशिंग, मैप संकेतक आदि लगाकर जल भवन को आई.एस.ओ. सर्टिफाई करने के निर्देश दिए।