विकसित भारत की संकल्पना साकार करने में युवाओं की अहम भूमिका : राज्यपाल

जयपुर। राज्यपाल कलराज मिश्र ने युवाओं का आह्वान किया है कि वे “विकसित भारत 2047’ की संकल्पना के अंतर्गत सभी क्षेत्रों में भारत को अग्रणी करने में अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के लिए शिक्षा के साथ – साथ सूचना प्रौद्योगिकी और उद्यमिता की बड़ी भूमिका होगी। शिक्षण संस्थान इसी अनुरूप भविष्य की दृष्टि के लिए कार्य करें।

मिश्र शंकरा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स द्वारा आयोजित ’शंकरा ग्लोबल हैकाथाॅन’ में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने हैकाथाॅन को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इससे युवाओं को उनकी आवश्यकताओं के अनुकूल उद्यमिता के लिए प्रेरित किया जा सकेगा। उन्होंने शिक्षा को सर्वांगीण विकास का आधार बताते हुए कहा कि बढ़ती आबादी और जरूरतों के हिसाब से तकनीक आधारित सुनियोजित विकास जरूरी है। उन्होंने प्रौद्योगिकी, शोध और अनुसंधान तथा नवाचारों का सही इस्तेमाल राष्ट्र निर्माण में लिए जाने पर जोर दिया। 

इससे पहले उन्होंने विद्यार्थियों के व्यक्तित्व एवं उनके शोध कार्यो को नई दिशा देने के लिए प्रकाशित तकनीकी शिक्षा से जुड़ी ’’टेक्नीकोन’’ पत्रिका और हिंदी में कृषि विषयक पत्रिका ’किसान इन्टरनेशनल’ का लोकार्पण किया। ’शंकरा ग्लोबल हैकाथाॅन’ में देशभर के तकनीकी संस्थानो, विभिन्न विष्वविद्यालयों, आईआईटी, एनआईटीज के आचार्य और विद्यार्थीे भाग ले रहे है। राज्यपाल ने हैकाथाॅन’ में शैक्षणिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक एवं खेल प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों, इनोवेशन और स्टार्टअप से जुड़े विभिन्न आयोजनों में देश भर में उम्दा प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित भी किया।

एस. के. चौधरी शिक्षा न्यास के अध्यक्ष एस. चौधरी ने बताया केि देशभर से इस आयोजन में 300 से अधिक शिक्षण संस्थानों के युवा अपने स्टार्टअप, नवाचारों के साथ सूचना प्रौद्योगिकी के साथ सम्मलित हुए हैं। इस अवसर पर राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति एस. के. सिंह, कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर के प्रो. बलराज सिंह, पोलैंड, लिथुनिया आदि विश्वविद्यालयों के कुलपति, शिक्षाविदों ने तकनीक के जरिए शैक्षिक विकास के संबंध में विचार रखे।