जयपुर। राजभवन में राजस्थान का स्थापना दिवस समारोह पूर्वक मनाया गया। राज्यपाल कलराज मिश्र, मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा, उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा सहित प्रदेश के विभिन्न पंथ, मजहब के लोग, गणमान्य जन विशेष रूप से उपस्थित रहे। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के कलाकारों ने इस दौरान गीत, नृत्य, लोक नाट्य की प्रस्तुतियों में राजस्थान की संस्कृति का गौरव गान किया। कलाकारों ने समारोह में राम—वंदना करते हुए मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की मनोहारी छवि से भी साक्षात् कराया।
आरंभ में राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजस्थान निर्माण के विभिन्न चरणों, रियासतों के एकीकरण से बने आधुनिक राजस्थान और यहां के लोगों की जीवटता की चर्चा करते हुए राजस्थान में सात वार और नौ त्योहार की संस्कृति की भी विशेष रूप से चर्चा की। उन्होंने कहा कि उत्सवधर्मिता में यहां के लोगों ने विषम भौगोलिक परिस्थितियों में भी जीते हुए अभावों में भी पर्व, तीज—त्योंहार और संस्कृति के भाव भरे है। उन्होंने राजस्थान की पर्यटन विरासत को महत्वपूर्ण बताते हुए ‘पधारो म्हारे देश’ की मनुहार के जरिए यहां के चित्ताकर्षक पर्यटन स्थलों पर पर्यटक आमंत्रण के अधिकाधिक प्रयास करने पर भी जोर दिया।
मिश्र ने कहा कि राजस्थान भक्ति और शक्ति का संगम प्रदेश है। उन्होंने महाराणा प्रताप के शौर्य, भामाशाह की दानवीरता, पन्नाधाय के बलिदान को स्मरण करते हुए कहा कि गौरवमय राजस्थान का स्थापना दिवस सद्भाव की हमारी संस्कृति को सहेजने का है। उन्होंने राजस्थान दिवस पर संकल्पित होकर राज्य के सर्वांगीण विकास में सभी की भागीदारी सुनिश्चित करने पर जोर दिया।