जयपुर। जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत ने कहा कि गंगनहर प्रणाली में अत्याधुनिक ऑटोमेशन एवं स्काडा स्थापित किया जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा 695 करोड़ रुपए की परियोजना स्वीकृत की गई है। रावत ने बताया कि यह कार्य होने से अंतिम छोर तक के किसानों को सिंचाई के लिए पूरा पानी मिलेगा और प्रथम चरण में मुख्य नहर एवं चार वितरिकाओं के एक लाख हेक्टेयर सिंचित क्षेत्र को इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि गंगनहर प्रणाली में पानी के सदुपयोग के साथ जल प्रबंधन में सुधार, समान जल वितरण, परिचालन और सिंचाई क्षमता में वृद्धि के मद्देनजर ईआरएम परियोजना के राहत गंगनहर फीडर एवं गंगनहर प्रणाली की 4 वितरिकाओं का नवीनीकरण और आधुनिकीकरण का कार्य किया जाना है।
परियोजना का उद्देश्य गंगनहर प्रणाली में 1.09 लाख हेक्टेयर सीसीए के लिए अत्याधुनिक स्काडा आधारित ऑटोमेशन को लागू करना है। परियोजना के तहत गंगनहर प्रणाली की विभिन्न नहरों की सिंचाई क्षमता को 79% से बढ़ाकर 86.5 हो जाएगी। रावत ने बताया कि गंगनहर की मुख्य नहर- खखां हैड से डाबला हैड तक गंगकैनाल पर स्थापित सभी 32 क्रॉस रेगुलेटर एवं हेड रेगुलेटर को नए सौर ऊर्जा संचालित ऑटोमैटिक गेटों का नवीनीकरण किया जाएगा। गंगनहर प्रणाली की जेड, बीबी, जीजी और एफ ब्रांच और वितरिकाओं पर आधुनिक क्रॉस रेगुलेटर तथा इनके सभी चकों के आउटलेट्स पर नए सौर ऊर्जा संचालित ऑटोमैटिक गेट स्थापित जाएंगे।
रावत ने बताया कि जल संसाधन विभाग, भारत सरकार की परियोजना सलाहकार समिति की बैठक शुक्रवार को नई दिल्ली में आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की सचिव देवाशीष मुखर्जी ने की। बैठक में केंद्रीय जल आयोग के चेयरमैन खुशविंदर बोहरा भी उपस्थित रहे। सचिव ने राजस्थान की परियोजना को स्वीकार करते हुए निर्देश दिए कि माइक्रो सिंचाई को सिंचित क्षेत्र में बढ़ावा दिया जाए। प्रदेश की ओर से मुख्य अभियंता भुवन भास्कर और हनुमानगढ़ के मुख्य अभियंता अमरजीत मेहरा ने प्रस्तुतीकरण दिया।