जयपुर। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों की पालना में बुधवार को अभ्यर्थियों या उनके प्रतिनिधियों की मौजूदगी में प्रदेश भर में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन एवं वीवीपीएटी की कमिशनिंग की शुरुआत हुयी। इस दौरान पहली बार अभ्यर्थियों या उनके प्रतिनिधियों ने सिंबल लोडिंग की प्रक्रिया टीवी मॉनिटर के माध्यम से देखी। विधानसभा आम चुनाव- 2023 में पहली बार अभ्यर्थी या उनके प्रतिनिधि को ये सुविधा मिली है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि एम-3 ईवीएम बीयू, सीयू एवं वीवी पेट मशीनों की कमिशनिंग का कार्य बुधवार से राज्य के समस्त जिलों में प्रारंभ हुआ। इस हेतु भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड बैंग्लूरू के इंजीनियर राज्य के समस्त जिलों में उपस्थित होकर अभ्यर्थी या उनके प्रतिनिधि एवं रिटर्निंग अधिकारी की उपस्थिति में कमिश्निंग का कार्य संपन्न कर रहे हैं। यह कार्य आगामी 4 दिवस में पूर्ण कर लिया जाएगा।
गुप्ता ने बताया कि निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों की सूची को अंतिम रूप देने के बाद ईवीएम एवं वीवीपीएटी की कमिशनिंग की जाती है। कमिशनिंग के दौरान भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड बेंगलुरु के इंजीनियरों द्वारा सिंबल लोडिंग, बैलेट सेटिंग, मॉक पोल, मशीनों की सीलिंग इत्यादि की प्रक्रिया अपनायी जाती है। उन्होंने बताया कि अभ्यर्थियों या उनके प्रतिनिधियों की उपस्थिति में यह काम किया जाता है। कमिशनिंग हॉल में लगाए गए टीवी मॉनिटर के माध्यम से अभ्यर्थी या उनके अभिकर्ता वीवीपीएटी में सिंबल (चुनाव चिन्ह) लोडिंग की प्रक्रिया को देख सकेंगे। कमिश्निंग के बाद प्रत्येक ईवीएम और वीवीपीएटी में नोटा (NOTA) सहित प्रत्येक उम्मीदवार के लिए एक वोट देकर मॉक पोल किया जाता है। इसके अतिरिक्त रेंडम रूप से चुने गए पांच प्रतिशत ईवीएम एवं वीवीपीएटी पर 1000 वोट डालकर मॉक पोल किया जाता है। इनके इलेक्ट्रॉनिक परिणाम का मिलान भी वीवीपीएटी के पेपर स्लिप से किया जाता है।