राजस्थान से दिल्ली की दूरी 130 किलोमीटर कम होगी : नितिन गडकरी

जयपुर। मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को जयपुर में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए जयपुर स्थापना दिवस की जनता को शुभकामनाएं दी। इस दौरान गडकरी ने मीडिया कर्मियों से कहा कि राष्ट्रवाद हमारी आत्मा है राष्ट्र सर्वोपरि है, यह पार्टी की सबसे बड़ी ताकत है। समृद्ध करने के लिए सुशासन और विकास जरूरी है। भाजपा का मिशन सुशासन और विकास है, यही उद्देश्य अंत्योदय है। दरिद्र को नारायण भगवान मानकर निरंतर सेवा करते रहे हैं, पंडित दीनदयाल उपाध्याय का सामाजिक आर्थिक चिंतन हमरा उद्देश्य है। सत्ता में रहते हुए सेवा मानकर सुशासन करना। विपक्ष में रहते हैं तो सेवा कार्य करते रहते हैं।

नितिन गडकरी ने कहा कि राजस्थान में 41000 करोड़ के तीन ग्रीन फील्ड हाईवे बना रहे हैं। एक्सप्रेस हाईवे बनने से राजस्थान से दिल्ली की दूरी 130 किलोमीटर कम होगी। बांदीकुई से सीधा जयपुर आएंगे, जयपुर एक्सप्रेस-वे का 1500 करोड़ का काम शुरू हो गया है। नितिन गडकरी ने कहा कि जयपुर से दिल्ली तक इलेक्ट्रिक हाईवे बना रहे हैं। टोल टैक्स को लेकर नितिन गडकरी ने कहा कि टोल कभी खत्म नहीं होंगे दुर्भाग्यवश इसका जन्मदाता में हूं। यह मजबूरी में आया है। सरकार के पास रिसोर्सेस कम है। यदि आप अच्छी सुविधा प्राप्त करना चाहते हैं तो पे तो करना ही पड़ेगा। अब 65 किलोमीटर के एरिया में टोल नहीं होगा। लोगों की तकलीफें कम होंगी। हेलीपैड और अन्य सुविधाएं बना रहे तो उसे पर भी काफी पैसा लगेगा। दुनिया के किसी भी देश में जाए हाईवे पर टोल देना पड़ेगा। रोड सेफ्टी को लेकर अभी तक हमने बहुत कोशिश करने के बाद भी सफलता नहीं मिली यह दुर्भाग्य वश है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि हमारा भारत विश्व गुरु बने। हमारी नीतियां गरीब किसान का कल्याण करके किस तरह से विकास की ओर जा सकते हैं, उसी पर काम कर रहे हैं। भारत में हमारी सरकार ने पांच करोड़ परिवारों को पक्के घर दिए हैं, जिनमें 20 लाख परिवारों को राजस्थान में घर दिये हैं। भारत में 12 करोड़ से अधिक शौचालय बने हैं। वहीं, राजस्थान में 83 लाख शौचालय बने हैं। जल जीवन मिशन में सात करोड़ से अधिक परिवारों को जल कनेक्शन दिया। राजस्थान में 40 लाख से अधिक किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मन निधि दी गई। नितिन गडकरी ने कहा कि बैराज के पानी को लेकर काफी बार मीटिंग हुई राजस्थान को 570 एमसीएम पानी देने की योजना बनी। नदियों की योजना बनाई गई थी, लेकिन वह इंप्लीमेंट नहीं हो पाई।