अगर आपके सफर पर साथ हों बुजुर्ग तो रखें इन बातों का ध्यान

जिस तरह से युवा स्वयं को तरोताजा रखना चाहते हैं, उसी तरह से बुजुर्ग माता-पिता की भी इच्छा होती है कि वो भी बाहर घूमने के लिए जाएं। हर बुजुर्ग व्यक्ति भी अपना माइंड फ्रेश करना चाहता है और खुद के लिए समय निकालना चाहता है। ऐसा नहीं है कि युवा अपने माता-पिता को कहीं बाहर लेकर नहीं जाना चाहते हैं। चाहते हैं लेकिन उनके सामने यात्रा के दौरान उनकी देखभाल की समस्या आती है। यात्रा करने के दौरान यही डर सताता है कि कहीं रास्ते में उनकी तबियत बिगड़ गई, कहीं इन्हें दवाई की जरूरत तो नहीं पड़ जाएगी, खाने को लेकर दिक्कत हुई फिर? अगर सफर में किसी भी तरह की समस्या हुई फिर? इस तरह से विचार और दिमाग में जरूर आते हैं।

आज हम अपने पाठकों को इन्हीं विचारों से मुक्ति दिलाने का प्रयास कर रहे हैं, क्योंकि इस आलेख के जरिए हम अपने पाठकों को कुछ ऐसे कदमों के बारे में बताने जा रहे हैं जो उन्हें यात्रा शुरू करने से पहले जरूर उठाने चाहिए। इन कदमों को उठाने के बाद आप अपने बुजुर्ग माता-पिता के साथ यात्रा का खुलकर आनन्द ले सकते हैं।

सबसे पहले शारीरिक चैकअप कराएं

बुजुर्ग लोगों को अपने साथ किसी भी यात्रा पर ले जाने से पहले उनका एक बार अच्छे से पूरा बॉडी चेकअप करवा लें। बॉडी चेकअप करवाने से उनका बीपी, शुगर आदि समस्याओं के नॉर्मल होने का पता चल जाएगा। साथ ही अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की भी जानकारी मिल जाएगी। अगर ऐसी कुछ परेशानी का पता चलता है, तो तुरंत प्लान कैंसिल कर दें, वरना यात्रा के दौरान आप दोनों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

दवाइयां साथ में ले जाएं

कपड़ों की पैकिंग के साथ-साथ मेडिकल किट भी जरूर पैक करें। फर्स्ट एड बॉक्स में जरूरी चीजों के साथ-साथ अपने बुजुर्ग माता-पिता की सभी दवाइयों को भी रख लें। इन दवाइयों में बुखार, सर्दी, जुकाम, उल्टी, दस्त, दर्द, बेचैनी, जी मचलाने की दवाइयाँ जरूर होनी चाहिए। हो सकता है यात्रा के दौरान उनको इनमें से कोई तकलीफ हो।

आरामदायक होनी चाहिए यात्रा

बुजुर्गों को हमेशा आरामदायक स्थान ही देना चाहिए, फिर चाहे आप, गाड़ी से जा रहे हो, फ्लाइट या ट्रेन से जा रहे हो। इससे वो पूरे रास्ते परेशान नहीं रहेंगे, और पूरे सफर को आराम से तय भी कर लेंगे। सफर को और आरामदायक बनाने के लिए आप उनके लिए साथ में तकिया या ब्लैंकेट भी लेकर जा सकते हैं।

खाद्य सामग्री साथ में ले

इस उम्र में आकर बुजुर्गों को कभी-कभी खाना अच्छे से हजम नहीं होता, तो ऐसे में आप उन्हें भूख लगने पर मसालेदार खाना न खिलाकर कुछ हल्का खिलाएं। साथ ही अपने साथ ड्राई फ्रूट्स या कुछ स्नैक्स भी साथ में रखकर लेकर जाएं, जिससे बीच-बीच में यात्रा के दौरान भूख लगने पर खाते रहें।

टिकट कन्फर्म होने पर ही यात्रा करें

अगर आप अपने बुजुर्ग माता-पिता के साथ घूमने का बना रहे हैं, तो इस बात का ध्यान रखें कि टिकट कन्फर्म होने के बाद ही सफर की तैयारी करें। टिकट कन्फर्म न होने पर उन्हें शायद पूरे रास्ते खड़े होकर जाना पड़ सकता है, इसलिए पहले टिकट को कन्फर्म जरूर करें। हमारी सलाह है कि जहां तक सम्भव हो अपने ही वाहन या कैब से उनके साथ यात्रा करने का प्लान बनाएं।

भोजन में शामिल करें पौष्टिक आहार

इस वक्त उनकी सक्रियता कम है इसलिए उनके खानपान का ज्यादा ध्यान रखें। हल्का-फुल्का खाना ही उन्हें इस वक्त देना ठीक रहेगा। इससे उनका पाचन ठीक रहेगा। आहार पौष्टिक हो, इस बात का भी ध्यान रखें। भोजन में फाइबरयुक्त आहार को जरूर शामिल करें।

तनाव 
को रखें दूर

इस स्थिति में तनाव होना स्वाभाविक है, क्योंकि वृद्धावस्था से संबंधित परेशानियां ऐसे में बढ़ सकती हैं, इसलिए तनाव को देने वाली बातों और ऐसे माहौल से उन्हें दूर रखें।

शारारिक 
सक्रियता का रखें ख्याल

लगातार घर में रहने के कारण बुजुर्गों की शारीरिक सक्रियता कम हो जाती है। बाहर जाने के कारण शारीरिक सक्रियता बढ़ जाती है इससे उन्हें कुछ परेशानी महसूस हो सकती है। यदि आप अपना सफर कार द्वारा कर रहे हैं तो आप उन्हें गन्तव्य तक पहुँचने से पहले बीच-बीच में थोड़ा ठहराव करते हुए आराम दें, जिससे वे स्वयं को यात्रा के अनुरूप ढाल सकें। जहाँ कहीं ठहराव करें वहाँ उन्हें घूमने के लिए कहें जिससे उनके पैरों और टांगों में आई सुन्नता को दूर करने में सहायता हो।