जयपुर। राज्य सरकार प्रदेश के युवाओं के भविष्य को लेकर संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है। इसी क्रम में राज्य सरकार द्वारा आगामी प्रतियोगी परीक्षाओं सहित सार्वजनिक परीक्षाओं में पेपरलीक प्रकरण रोकने और नकल माफिया के खिलाफ कठोर कार्रवाई के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। इस संबंध में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री कार्यालय में उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई।
शर्मा ने कहा कि आने वाली भर्ती परीक्षाओं में पेपरलीक व नकल जैसी गडबड़ियों को रोकने के लिए पुख्ता प्रबंध किए जाएंगे। इसके लिए परीक्षा से पूर्व मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक स्तर से जिला कलक्टर एवं पुलिस अधीक्षक से सीधा संवाद कर सभी आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने परीक्षा केन्द्रों पर निगरानी हेतु गठित उड़नदस्तों के लिए पर्याप्त अधिकारी एवं पुलिस बल जिलों को उपलब्ध करवाए जाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन परीक्षा केन्द्रों एवं कोचिंग संस्थानों के बारे में विभिन्न स्रोतों से संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी प्राप्त होती है, उन पर विशेष निगरानी रखी जाए। ऐसे परीक्षा केन्द्रों व कोचिंग संस्थानों की संदिग्धता पाए जाने पर कठोरतम कानूनी कार्यवाही की जाए।
शर्मा ने कहा कि पूर्व में जिन अपराधियों का चालान किया गया है, राज्य सरकार द्वारा उन अपराधियों का केस ऑफिसर स्कीम एवं विशेष लोक अभियोजक के माध्यम से शीघ्र ट्रायल करवाया जाएगा तथा उन्हें अधिकतम दण्ड दिलवाने के प्रयास किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि ऐसी गड़बड़ी करने वाले व्यक्तियों का पता लगाने के लिए पुख्ता सूचना तंत्र विकसित किया जाए। आमजन द्वारा इस संबंध में एसआईटी द्वारा जारी हेल्पलाइन नम्बर 9530429258 पर सूचना दी जा सकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेरोजगार और मेहनती युवाओं को न्याय दिलाना और परीक्षाओं में गोपनीयता बनाए रखना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। इन निर्णयों से नकल संबंधी प्रकरणों में प्रभावी जांच कर अपराधियों को सख्त से सख्त सजा दिलाने में सहायता मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि एसओजी द्वारा हाल ही में राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित वरिष्ठ अध्यापक (माध्यमिक शिक्षा) प्रतियोगी परीक्षा-2022 के विज्ञान तथा सामान्य ज्ञान व शैक्षणिक मनोविज्ञान विषय की लिखित परीक्षा में डमी अभ्यर्थियों के रूप में बैठने वाले पांच आरोपियों को हिरासत में लिया गया है।