जयपुर।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि संवेदनशील, पारदर्शी एवं जवाबदेह सुशासन राज्य सरकार का मुख्य ध्येय है। इन्हें साकार करने में अधिकारी और कर्मचारियों की अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सर्वोंगीण विकास एवं आमजन तक जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाकर राहत देने के लिए सभी कार्मिक मानवीय दृष्टिकोण, कर्तव्यनिष्ठा और संवेदनशीलता के साथ अपनी जिम्मेदारियों को निभाएं।
गहलोत सोमवार को शासन सचिवालय में राजस्थान सचिवालय कर्मचारी संघ के शपथ ग्रहण समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने नवगठित कार्यकारिणी के पदाधिकारियों को शपथ दिलाकर उन्हें शुभकामनाएं दीं।
इससे पूर्व उन्होंने सचिवालय परिसर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष पुष्प अर्पित किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन सचिवालय प्रदेश में सुशासन की नींव है। यहीं से प्रदेश के भविष्य के लिए फैसले लिए जाते हैं और जनकल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन होता है। इन्हें संवेदनशीलता और पारदर्शिता के साथ धरातल पर उतारकर अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचाने में कर्मचारियों की बड़ी भूमिका होती है। इस चुनौतिपूर्ण कार्य में सभी कार्मिक प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर अधिकारी-कर्मचारी के साथ खड़ी है। बजट में कर्मचारी हितों में जो घोषणाएं की गई हैं, उन्हें समयबद्ध और सुनियोजित तरीके से पूरा करेंगे।
गहलोत ने कहा कि वर्तमान सरकार में कर्मचारियों के लिए पदोन्नति के अवसर बढ़ाए गए हैं। एसीपी (Assured Career Progression) संबंधी विसंगति को दूर करने का फैसला लिया गया। साथ ही राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना (आरजीएचएस) लागू कर कैशलेस उपचार की सुविधा मुहैया कराई जा रही है।
पुरानी पेंशन योज ऐतिहासिक निर्णय
मुख्यमंत्री ने कहा कि संवेदनशील सुशासन के लिए प्रतिबद्धता दर्शाते हुए राज्य कर्मचारियों के हितों में ऎतिहासिक निर्णय लेकर ‘पुरानी पेंशन योजना‘ लागू की गई। सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान की गई है। उन्होंने कर्मचारियों से कहा कि सुनिश्चित रहें, एनपीएस में जमा राशि सेवानिवृत्त पर ब्याज सहित मिलेगी। कर्मचारी हित में केंद्र सरकार और अन्य राज्यों को भी ओपीएस लागू करनी चाहिए।
सचिवालय में नया भवन और सभागार की घोषणा
गहलोत ने शासन सचिवालय में कर्मचारियों के लिए नए भवन और एक सभागार निर्माण कराने के लिए घोषणा की। उन्होंने कहा कि सचिवालय में कूलिंग प्लांट सिस्टम को भी अपग्रेड कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोनाकाल में अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा समर्पित होकर कार्य करने से ही राजस्थान कोरोना प्रबंधन के लिए पूरे देश में मॉडल बना। सभी का अद्भुत सहयोग रहा। सरकार ने ऑक्सीजन, दवाईयों से लेकर हर व्यक्ति तक भोजन व्यवस्था सुनिश्चित कराई। उन्होंने कहा कि कई देशों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़े हैं। ऎसे में हमें पूरी सजगता और सतर्कता बनाए रखनी है।
सीएचए के लिए बजट में लिया गया था सकारात्मक निर्णय
गहलोत ने बताया कि ‘कम्यूनिटी हेल्थ असिस्टेंट‘ (सीएचए) के लिए बजट में भी सकारात्मक निर्णय लिया गया था, लेकिन बिना भर्ती प्रक्रिया अपनाए इन्हें सेवा में लेने के संबंध में अग्रिम निर्णय नहीं लिया जा सकता है। ऐसे में मामलों के निस्तारण में कर्मचारी संघों की बड़ी भूमिका होनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने मृतक आश्रितों के लिए शिथिलताएं प्रदान कर और ईडब्ल्यूएस आरक्षण में शर्तों में हटाकर राजकीय सेवा में आने का अवसर दिया गया। संविदा कार्मिकों के लिए भी कैडर बनाया गया है।
सरकार द्वारा एक लाख नौकरियां दी जा चुकी है, एक लाख प्रक्रियाधीन है और एक लाख नौकरियों के लिए कार्यवाही शुरू हो गई है। प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। उन्हाेंने कहा कि कर्मचारियों की समस्याओं का समुचित रूप से निस्तारण किया जाएगा।
मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कहा कि शासन सचिवालय रीढ़ की हड्डी के समान है। यहां का प्रत्येक कर्मचारी योजनाओं के क्रियान्वयन में अपनी विशिष्ट भूमिका निभाता है। राज्य सरकार ने भी अधिकारी-कर्मचारियों की समय-समय पर पदोन्नति की है। उन्होंने कहा कि सचिवालय परिसर को ग्रीन बिल्डिंग बनाने के लिए चरणबद्ध रूप से कार्य कराए जा रहे हैं।