जयपुर। मेजबान राजस्थान सरकार तथा यूएनडीपी और यूएन की साझेदारी में नीति आयोग द्वारा सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) में तेजी लाने पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन राजस्थान इंटरनेशनल सेन्टर में शुरू हुआ। उद्घाटन सत्र नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। दो दिवसीय सम्मेलन में 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और भारत सरकार के मंत्रालयों के वरिष्ठ सरकारी अधिकारी सम्मिलित हुए। नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह सम्मेलन देश भर से एसडीजी पर सीख और अच्छी प्रथाओं को साझा करने के लिए एक मंच के रूप में एनआईटीआई की भूमिका का उदाहरण देता है। मैं इस बात से बेहद उत्साहित हूं कि एसडीजी को जिला, ब्लॉक और स्थानीय स्तर तक आगे बढ़ाने के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में काफी नवाचार हो रहा है।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि इस सम्मेलन का उद्देश्य एसडीजी स्थानीयकरण पर जायजा लेने के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को बुलाना, उपराष्ट्रीय स्तर पर एसडीजी को संस्थागत बनाने पर अनुभवों का आदान-प्रदान करना, राष्ट्रीय और उपराष्ट्रीय स्तर पर एसडीजी वित्त परिदृश्य का पता लगाना और प्रगति में तेजी लाने के लिए एक मार्ग तैयार करके निष्कर्ष निकालना है। इस दौरान डॉ. वी.के. पॉल, सदस्य (स्वास्थ्य) नीति आयोग ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि हमें एसडीजी को लगातार आगे बढ़ाना चाहिए। मुझे यकीन है कि यह सम्मेलन न केवल कम जोखिम वाले या उच्च प्रभाव वाले लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करेगा, बल्कि कठिन लक्ष्यों पर भी ध्यान केंद्रित करेगा।
प्रदेश के मुख्य सचिव सुधांश पंत ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि एसडीजी पर प्रगति में तेजी लाना विकसित भारत और विकसित राजस्थान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। मुझे यकीन है कि सम्मेलन हमारे सामूहिक प्रयासों को और मजबूत करेगा। नीति आयोग के वरिष्ठ सलाहकार (एसडीजी) डॉ. योगेश सूरी ने उपराष्ट्रीय स्तर पर विकास परिणामों में तेजी लाने की तत्कालिकता पर जोर देते हुए कहा कि भारत एसडीजी की सापेक्ष सफलता निर्धारित करने में अग्रणी भूमिका निभाएगा। दुनिया और हमारे राज्य और केंद्रशासित प्रदेश इस यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट समन्वयक श्री शोम्बी शार्प ने कहा कि मैं एसडीजी स्थानीयकरण के इस प्रभावशाली स्तर का नेतृत्व करने, राष्ट्रीय और उप-राष्ट्रीय स्तर पर एसडीजी की निगरानी बढ़ाने के लिए नीति आयोग की सराहना करना चाहता हूं।