जयपुर। ईडी ने मंगलवार को जल जीवन मिशन घोटाला मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व कांग्रेस मंत्री महेश जोशी के परिसरों सहित राजस्थान में कई स्थानों पर छापेमारी की।जयपुर, दिल्ली और गुजरात से आई ईडी की करीब 10 टीमों ने सुबह 6 बजे परिसरों पर छापेमारी की। इसमें महेश जोशी के दो घर, जल आपूर्ति विभाग के दो ठेकेदार और विभाग के दो अधिकारियों के आवास शामिल हैं।
ईडी की टीमें महेश जोशी के घर की तलाशी ले रही हैं। उनसे और उनके परिवार के दो सदस्यों से कुछ फाइलों के संबंध में पूछताछ की जा रही है।ईडी की टीमें छह महीने से जल जीवन मिशन घोटाले की जांच कर रही हैं।सूत्रों के मुताबिक जांच एजेंसी महेश जोशी को ईडी मुख्यालय आने का नोटिस भी दे सकती है।ईडी ने जल जीवन मिशन के लिए की गई खरीदारी के भारी मात्रा में फर्जी बिल जब्त किए हैं। इन बिलों को लेकर ईडी पूर्व मंत्री समेत अधिकारियों और ठेकेदारों से पूछताछ कर रही है।
स्मरण रहे कि राज्यसभा सांसद और भाजपा नेता डॉ. किरोड़ीलाल ने पिछले दिनों ईडी को कुछ दस्तावेज सौंपते हुए करीब 20 हजार करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाया था। इसके बाद विभाग ने शाहपुरा – कोटपूतली की कुछ ठेकेदार फर्मों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें ब्लैकलिस्ट भी किया था। एफआईआर दर्ज कराने को लेकर मीणा ने अशोक नगर थाने के बाहर धरना भी दिया था।इस मामले उनके साथ पब्लिक अगेंस्ट करप्शन संस्था से जुड़े डॉ. टी. एन. शर्मा की ओर से एफआईआर का मजमून लिखा गया है। इसमें दावा किया गया है कि वित्त विभाग की आपत्तियों के बावजूद जल जीवन मिशन की गाइड लाइन और आरटीपीपी एक्ट के प्रावधानों को दरकिनार करते हुए सरकार ने टेंडर कर दिए।
एफआईआर के मजमून के मुताबिक जलदाय विभाग ने 6 अक्टूबर, 2021 से 24 नवंबर, 2022 के बीच 11 विभिन्न कामों के लिए 48 निविदाएं मांगी थी। इनका कुल मूल्य करीब 20,000 करोड़ रुपए था। इन सभी निविदाओं में प्री साइट विजिट का प्रावधान रखा गया था। इससे निविदा देने वाली फर्मों को पूलिंग करने का मौका मिल गया। वित्त विभाग ने भी 16 दिसंबर, 2022 को एक परिपत्र जारी करके योग्यता की शर्त के रूप में प्री बिड मीटिंग के दौरान साइट विजिट सर्टिफिकेट शामिल करने को गंभीर माना। क्योंकि इसमें पूलिंग की आशंकाएं रहती हैं। वैसे भी यह आरटीपीपी एक्ट के प्रावधानों के खिलाफ था।