बच्चों की जिंदगी में बदलाव लाने के लिए क्लास रूम में ईमानदारी से प्रयास जरूरी : शासन सचिव

जयपुर। प्रदेश के स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों की जिंदगी में बदलाव लाने के वृहद उद्देश्य को क्लास रूम्स में शिक्षकों के सतत और ईमानदार प्रयासों से ही साकार किया जा सकता है। ऐसे में शिक्षक अपने पवित्र पेशे के प्रति पूरी तरह समर्पित होकर दिलो दिमाग का उपयोग शाला समय और कक्षा कालांश अवधि में अपनी क्षमताओं का सर्वश्रेष्ठ तरीके से उपयोग करने का संकल्प लें। यह बात स्कूल शिक्षा विभाग के शासन सचिव ने जयपुर में प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में नवनियुक्त करीब 40 हजार लेवल-1 और लेवल-2 के शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए तैयार किए जा रहे ‘मास्टर ट्रेनर्स’ की इंडक्शन ट्रेनिंग के तीसरे बैच के उद्घाटन को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि मास्टर ट्रेनर्स जिलो में नव नियुक्त शिक्षकों को प्रशिक्षण देते समय सिस्टम की खामियों का पता लगाकर उनको दूर करते हुए इसे स्वस्थ और पहले से बेहतर बनाने में अपना श्रेष्ठ योगदान दे सके, ‘इंडक्शन ट्रेनिंग’ का यह कांसेप्ट इसी दिशा में एक सशक्त कदम है।  

जैन ने कहा कि हर बच्चे को अपनी मंजिल और जीवन में उच्च मुकाम पर पहुंचाने में शिक्षकों की सबसे बड़ी भूमिका होती है। अतः यह जरूरी है कि शिक्षकों के पास कंटेंट के साथ सही ‘इंटेंट’ का होना भी आवश्यक है, जो उन्हे बच्चों के कॅरिअर को संवारने के लिए लगातार मोटिवेट करे। उन्होंने कहा कि कक्षाओं में जब शिक्षकों के सामने बच्चे होते है और उनके हाथ में चाक या मार्कर एवं बोर्ड होता है, यहीं बच्चों के सुखद भविष्य की नींव रखने का सबसे माकूल समय होता है।

मास्टर ट्रेनर्स जिलों में नव नियुक्त शिक्षकों को प्रशिक्षित करते समय इस बात का महत्व समझाते हुए उन्हें प्रेरित करे। उन्होंने कहा कि इस इंडक्शन ट्रेनिंग के माध्यम से नव नियुक्त शिक्षकों को प्रशिक्षित करने की इस पहल के साथ ही स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से आने वाले समय में 2016 से 2018 के दौरान चयनित शिक्षकों के लिए रिफ्रेशर ट्रेनिंग प्रोग्राम भी तैयार किया जाएगा। इस दौरान राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की उपायुक्त ज्योति और उप निदेशक उर्मिला चौधरी सहित अन्य अधिकारी और प्रतिभागी मौजूद रहे।