राजस्थान सरकार ने 21 जिलों के 55 रॉयल्टी ठेकों की ई-ऑक्शन से नीलामी प्रक्रिया की शुरू

जयपुर।
अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम एवं पीएचईडी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया है कि राज्य सरकार ने खनन पट्टों से निकलने वाले खनिज पर देय राजस्व की वसूली के लिए 21 जिलों के 55 रॉयल्टी ठेकों की ई-प्लेटफार्म पर नीलामी प्रकिया शुरु कर दी है।
उन्होेंने बताया कि इससे पहले इसी माह 19 जिलों के 73 रॉयल्टी ठेकों की ई नीलामी प्रक्रिया आरंभ की जा चुकी है।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि माइंस विभाग द्वारा जारी खनन पट्टों से निकाले जाने वाले खनिज पर वसूल किए जाने वाले रॉयल्टी कलेक्शन कॉन्ट्रेक्ट (आरसीसी), एक्सेस रॉयल्टी कलेक्शन कॉन्ट्रेक्ट (ईआरसीसी), जिला स्तरीय मिनरल फाउण्डेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी), राज्य स्तरीय मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट (आरएसएमईटी) आदि के लिए दिए जाएंगे।उन्होंने बताया कि 295 करोड़ 35 लाख रुपए से अधिक की आरक्षित राषि के इन ठेकों की ई-नीलामी सूूचना जारी कर दी गई है। एसीएस ने बताया कि आरसीसी, ईआरसीसी, डीएमएफटी और आरएसएमईटी वसूली के यह ठेकों 21 जिलों के खनि अभियंताओं के क्षेत्राधिकार के हैं।
इनमें जयपुर, अजमेर, जोधपुर, बाड़मेर, उदयपुर, सिरोही, नागौर, भीलवाड़ा, पाली, भरतपुर, करौली, बूंदी, चित्तोडगढ़, दौसा, अलवर, डूंगरपुर, राजसमंद, झालावाड, बारां, चुरुव टोंक जिले में स्थित खननपट्टों, क्वारी लाईसेंसों, व परमिट क्षेत्रों में विभिन्न खनिजों की रॉयल्टी आदि वसूली से संबंधित हैं।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि देश-दुनियां में कहीं से भी कोई भी व्यक्ति इस ई-नीलामी प्रक्रिया में हिस्सा ले सके इसके लिए माइंस विभाग ने ई-ऑक्शन की पारदर्शी व्यवस्था से राज्य के 55 रॉयल्टी ठेकों की ई-नीलामी के लिए विभागीय वेबसाइट पर विस्तृत जानकारी के साथ ही भारत सरकार द्वारा प्रधान खनिजों के नीलामी के ऑनलाईन एमएसटीसी पोर्टल पर ई-नीलामी की जानकारी उपलब्ध कराई गई है।
उन्होंने बताया कि ई-ऑक्शन में हिस्सा लेने वाले इच्छुक व्यक्तियों को भारत सरकार के पोर्टल पर पंजीयन कराना होगा वहीं पहले से पंजीकृत व्यक्ति, फर्म या कंपनी को दुबारा पंजीयन की आवश्यकता नहीं होगी।
एसीएस ने बताया कि यह ठेके मुख्यतः माइनर मिनरल्स ग्रेनाइट, जिप्सम, मार्बल, मेसेनरी स्टोन, क्वार्टज, फैल्सपार, सोपस्टोन, डोलोमाइट, सिलिका सेंड आदि की खानों से आरआरसी, ईआरआरसी, डीएमएफटी, आरएसएमईटी आदि के शुल्क, अधिशुल्क वसूली के लिए दिए जा रहे हैं।
ई-प्लेटफार्म पर पारदर्शी व्यवस्था से नीलामी से स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा होने के साथ ही राजस्व वृद्धि की भी संभावना हो जाती है। नीलामी के बाद ठेका किसी अन्य को हस्तांतरण, सबलेट तथा सरेण्डर नहीं किया जा सकेगा।
माइंस निदेशक कुंज बिहारी पण्ड्या ने बताया कि 295 करोड़ रुपए से अधिक की आरक्षित राशि के इन रॉयल्टी ठेकों की ई-नीलामी 5, 6, 10 व 11 मई को रखी गई है। इन रॉयल्टी ठेकोें की नीलामी की विस्तृत जानकारी में ठेकों से संबंधित शर्तें, नियम, प्रक्रिया आदि विभागीय वेबसाइट पर भी देखी जा सकती है।
ठेकों की नीलामी प्रक्रिया को पारदर्शी और सुगम बनाने के लिए ही विभाग ने भारत सरकार के पोर्टल के माध्यम से नीलामी की व्यवस्था की है। निदेशक केबी पण्ड्या ने बताया कि दस करोड़ रूपए से अधिक की बिड राशि के ठेकों मेें ठेकेदार को स्वयं के खर्चें पर कम्प्यूटराइज्ड तुला यंत्र यानी की कम्प्यूटरीकृत तुलाई मशीन लगानी होगा।